टेंडर कमीशन से प्राप्त बड़ी रकम का मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर सात अगस्त को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से बहस पूरी कर ली गई। अपने बहस में कहा कि आलमगीर आलम की गिरफ्तारी गलत तरीके से की गई है। टेंडर कमीशन से उनका कोई लेना-देना है। मेरे मुवक्किल जेल में नहीं बल्कि जमानत का हकदार है। जमानत देने का अनुरोध किया गया। मामले में अब ईडी की ओर से बहस की जाएगी। इसके लिए अदालत ने 9 अगस्त को तारीख निर्धारित की है।
पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से लगभग 1500 पन्नों की लिखित बहस अदालत में फाइल की गई थी। वहीं ईडी की ओर से मामले में जवाब दाखिल है। बता दें आलमगीर आलम ने 18 जुलाई को गिरफ्तारी के 64 दिनों बाद जमानत की गुहार लगाई है। दाखिल याचिका में अपने आप को मामले में निर्दोष बताया गया है। ईडी ने उनको 15 मई को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं। यह गिरफ्तारी उनके आप्त सचिव संजीव कुमार लाल एवं उसका नौकर जहांगीर आलम के यहां से मिले 32.30 करोड़ रुपए नकद बरामदी मामले में किया गया है। इसी मामले में ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम समेत नौ आरोपी जेल में है।