Teacher appointment case: झारखंड हाई कोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में राज्य में शिक्षक नियुक्ति से संबंधित मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जेएसएससी को राज्य स्तर पर तैयार की गई मेरिट लिस्ट को शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी।
सुनवाई के दौरान जेएसएससी की ओर से कहा गया कि राज्य स्तर पर तैयार मेरिट लिस्ट को शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। अगर कोर्ट इसका अवलोकन करना चाहती है, तो आयोग की ओर से सील बंद लिफाफे में मेरिट लिस्ट कोर्ट को दिया जा सकता है। लेकिन अदालत ने आयोग के आग्रह को अस्वीकार करते हुए शपथ पत्र के माध्यम से ही मेरिट लिस्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में मीना कुमार सहित 50 से अधिक याचिकाएं हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2016 में जेएसएससी ने विभिन्न विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। स्थानीय नीति के जरिए होने वाली नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जिलावार निर्धारित कट ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक लानेवालों अभ्यर्थियों की राज्य स्तर पर मेरिट बनाकर नियुक्ति करने का आदेश दिया था।
प्रार्थियों का दावा था कि उनका अंक ज्यादा है। ऐसे में आयोग को उनकी नियुक्ति पर विचार करना चाहिए। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि प्रार्थियों का अंक कम है, इसलिए उनकी नियुक्ति पर विचार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने आयोग से मेरिट लिस्ट मांगी है।