New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की उस याचिका पर 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा, जिसमें रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। स्वामी ने प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना तथा वी रामसुब्रमण्यन की पीठ से आग्रह किया था कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) 23 अप्रैल को अवकाश ग्रहण करने वाले हैं। उन्होंने कहा, अगले सीजेआइ को इस मुद्दे से निपटने दें। मेरे पास इतना समय नहीं है। इस मुद्दे के लिए समय चाहिए और मेरे पास समय नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि यह मुद्दा काफी लंबे समय से लंबित है। इस पर पीठ ने मामले को 26 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
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इससे पहले न्यायालय ने 23 जनवरी, 2020 को कहा था कि वह रामसेतु के संबंध में स्वामी की याचिका पर तीन महीने बाद विचार करेगा। तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर रामेश्वरम और श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच चूने की चट्टानों की श्रृंखला है। इसे एडम्स ब्रिज (आदम का पुल) भी कहा जाता है।
भाजपा नेता ने दलील दी थी कि उन्होंने मुकदमे का पहला दौर पहले ही जीत लिया है, जिसमें केंद्र ने रामसेतु के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा था कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने सेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए 2017 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ।