सुप्रीम कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज 100 फीसदी मतों को वीवीपैट पर्चियों से मिलान करने और मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग खारिज करने के फैसले की समीक्षा करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने 26 अप्रैल को पारित फैसले से संबंधित पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को ईवीएम में हेरफेर किए जाने की आशंका को निराधार बताते हुए, ईवीएम में दर्ज सभी मतों को वीवीपैट पर्चियों से मिलान करने और दोबारा मतपत्र से चुनाव कराने की मांग खारिज कर दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने उक्त फैसले की समीक्षा करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी। पीठ के समक्ष चैंबर में फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका आई थी। पीठ ने 25 जुलाई को पारित अपने आदेश में कहा कि हमने समीक्षा याचिका और उसके समर्थन में दिए गए तर्कों का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया।