New Delhi: सुप्रीम कोर्ट जज ने एक पति से कहा कि वह अपनी पत्नी से सम्मान के साथ पेश आए और अगर वह ऐस करने में विफल रहता है, तो जेल जाने के लिए तैयार रहे। कोर्ट द्वारा आगाह करने के बाद इस युवा दंपती जोड़े के बीच समझौता हो गया। पत्नी ने आरोप लगाया था कि पति उसे प्रताड़ित करता है और उसके साथ कभी सम्मान का व्यवहार नहीं करता है।
चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की वर्चुअल सुनवाई करते हुए पति और पत्नी दोनों को ऑनलाइन आने को कहा। दोनों के बीच समझौता कराने के प्रयास में जस्टिस कांत ने दंपती से हिंदी में बातचीत की।
पत्नी ने कहा कि वह अपने पति के साथ रहने को तैयार है, लेकिन वह उसके साथ सम्मान से पेश नहीं आता। इस पर जस्टिस कांत ने हिंदी में पति से कहा कि हम आपके व्यवहार पर नजर रखी जाएगी। यदि आप कुछ भी गलत करते पाए गए, तो हम आपको उसके लिए सजा देंगे।
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कोर्ट ने पति को हिदायत देते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ सम्मान के साथ पेश आने के वादे से पीछे न हटे। साथ ही पति से अपनी पत्नी के खिलाफ तलाक की याचिका सहित सभी मामले वापस लेने को भी कहा।
चीफ जस्टिस ने पति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश से कहा कि मामलों को वापस लेने के लिए एक हलफनामा दाखिल करें। लेकिन फिर से पति ने गलत व्यवहार किया, तो हम उसे वापस जेल भेज देंगे। हम अभी मामले को लंबित रख रहे हैं।
पति ने कोर्ट से वादा किया कि वह अब अपनी पत्नी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करेगा और शांति से उसके साथ रहेगा। महिला ने समझौते की शर्त पर जोर देते हुए कहा, बस मुझे मेरा पति टार्चर न करे। पीठ ने पति को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह जमानत के लिए नाटक है, तो फिर हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।
पीठ ने जोर देकर कहा कि जोड़े को अपने रिश्ते को सही तरह से संभालना चाहिए। कोर्ट ने वकील अंजना प्रकाश से कहा कि यह काम कोर्ट की बजाय उन्हें ही करना चाहिए था। कोर्ट की पहल पर पति-पत्नी एक दूसरे के खिलाफ सभी मामले वापस लेने पर सहमत हो गए।