High Court News: हाई कोर्ट से सुपरवाइजर को मिली जमानत, मुखिया ने याचिका ली वापस

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने घूस लेने के आरोपित कुमार गौरव को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। अदालत ने इनकी जेल की अवधि को देखते हुए जमानत की सुविधा प्रदान की।

कोर्ट ने दस-दस हजार रुपये दो निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। बता दें कि चाईबासा के तीन तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य संवदेक निकुंज कुमार दास को मिला था। कार्य के भुगतान के एवज में चाईबासा के भू-संरक्षण कार्यालय के सुपरवाइजर कुमार गौरव ने रिश्वत की मांग की। संवेदक ने इसकी शिकायत एसीबी से की।

इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर 18 मार्च 2020 को कुमार गौरव को चालीस हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वो जेल में बंद था।

मुखिया ने जमानत याचिका वापस ली

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने मनरेगा में वित्तीय अनियमितता के आरोपित मुखिया जंगल सिंह गोराई की जमानत याचिका खारिज कर दिया। चक्रधरपुर के सुखुंडा पंचायत में मनरेगा के तहत कार्य किया गया था।

आरोप है कि इसमें व्यापक पैमाने पर घोटाला किया गया। इस मामले में पूर्व एवं तत्कालीन मुखिया को भी आरोपित बनाया गया है। आरोपित मुखिया जंगल सिंह गोराई ने पूर्व में हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी। इस दौरान अदालत ने क्षतिपूर्ति के रूप में 63 हजार रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था।

लेकिन इन्होंने रकम जमा कराने की बजाय निचली कोर्ट में सरेंडर किया था और हाई कोर्ट से जमानत गुहार लगाई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने जमानत याचिका में त्रुटि पाए जाने पर इसे वापस लेने को कहा। इस पर मुखिया के वकील ने याचिका वापस ले ली, जिसके बाद अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उसे खारिज कर दिया।

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