छठी जेपीएससीः सरकार ने हाईकोर्ट से कहा- मेरिट लिस्ट में नहीं हुई कोई गड़बड़ी

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी को लेकर दाखिल याचिका पर सोमवार को प्रार्थी और राज्य सरकार की ओर से बहस पूरी कर ली गई है।

मंगलवार को जेपीएससी की ओर से बहस की जाएगी। इस संबंध में दिलीप कुमार सिंह व राहुल कुमार सहित 17 अन्य लोगों ने छठी जेपीएससी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि जेपीएससी ने अंतिम परिणाम जारी करने में गलती की है। हिंदी व अंग्रेजी में अभ्यर्थियों सिर्फ क्वालिफाइंग मार्क्स लाना था।

लेकिन जेपीएससी ने इसे कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया। इसके अलावा सभी पेपर में अगल-अलग निर्धारित न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य था, लेकिन जेपीएससी ने दोनों पेपर के अंक को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनाई है।

प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि वे आरक्षित श्रेणी से आते हैं, लेकिन उनका चयन अनारक्षित श्रेणी में किया गया है, जिसके चलते कैडर चुनने में प्राथमिकता नहीं मिली है।

उन्हें आरक्षित श्रेणी में भेजते हुए प्राथमिकता के आधार पर कैडर चुनने का अवसर दिया जाए। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जेपीएससी की ओर से जारी अंतिम परिणाम बिल्कुल सही है।

इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। जहां तक आरक्षित श्रेणी में आने की बात है तो एक बार कैडर आवंटन के बाद उसमें बदलाव करने का कोई नियम नहीं है।

जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह की ओर से बहस शुरू की गई। लेकिन बहस पूरी नहीं होने पर अदालत ने इसकी सुनवाई मंगलवार को निर्धारित की है।

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