Ranchi: Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को डिप्टी कलेक्टर से एसडीओ (SDO promotion) के पद पर प्रोन्नति की अनुशंसा किए जाने के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के के बाद अदालत ने कहा कि अगर अगली सुनवाई से पहले सरकार की ओर से रोक को वापस नहीं लिया जाता है, तो 20 दिसंबर को मुख्य सचिव को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।
जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि राज्य में प्रोन्नति पर लगी रोक को वापस लिया जा रहा है। जल्द इस संबंधित आदेश पारित किया जाएगा। इस पर अदालत ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान आपने ऐसा ही कहा था, लेकिन अभी तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है।
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महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार इस मामले में लगी रोक को कभी भी वापस ले सकती है। इस पर अदालत ने कहा कि अगर अगली सुनवाई से पहले सरकार की ओर से प्रोन्नति पर लगाई गई रोक वापस नहीं ली गई, तो मुख्य सचिव को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देना होगा। प्रार्थियों की ओर से अदालत में वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा।
इसको लेकर प्रार्थी राजकिशोर प्रसाद व अन्य 19 लोगों की ओर से याचिका दाखिल की गई है। अधिवक्ता चंचल जैन ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर से एसडीओ पद पर प्रोन्नति के लिए 24 दिसंबर 2020 को डीपीसी (विभागीय प्रोन्नति कमेटी) की बैठक हुई। इसमें सभी आहर्ता पूरा करने वालों को प्रोन्नत दिए जाने की अनुशंसा कर दी गई। लेकिन इसी दिन कार्मिक विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया।
इसमें कहा गया कि राज्य में होने वाली सभी प्रोन्नति पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। इसके बाद उनकी प्रोन्नति के लिए अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई। याचिका में यह भी कहा गया है कि जब विभागीय प्रोन्नति कमेटी ने वादियों को प्रोन्नति देने की अनुशंसा कर दी है, तो अधिसूचना जारी करने में देर नहीं होनी चाहिए। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से लिया गया निर्णय न्यायसंगत है या नहीं। इसलिए इसे खारिज किया जाए।