घोटालाः जेएसईबी के तीन अधिकारियों को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत
Ranchi: Scam in JSEB रांची एसीबी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने जेएसईबी के एपीडीआरपी स्कीम में वित्तीय अनियमितता मामले के तीन आरोपियों वित्त निदेशक उमेश कुमार, अभियंता प्रमुख (सेवानिवृत्त) गोपी नाथ सिंह मुंडा एवं स्कीम के सदस्य शिव नारायण चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। तीनों पर निविदा प्रक्रिया में अनदेखी कर करीब 27 करोड़ रुपये सरकारी राशि का चूना लगाने का आरोप है।
एसीबी के विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने बताया कि लेखा शाखा द्वारा उठाए गए निविदा प्रक्रिया में आपत्ति की गई त्रुटियों को शिथिल कर तीनों ने साजिश रच कर विवादित संविदा में अनुचित हस्तक्षेप करने काम किया है। इस मामले को लेकर निगरानी थाना में 15 मई 2013 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। आरोपियों की ओर से 11 अगस्त को याचिका दाखिल की गई थी।
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यौन हमले में हवलदार पर 18 को होगा आरोप तय
पोक्सो की विशेष अदालत में युवती से छेडखानी करने मामले के आरोपित 23 इंफैंट्री डिवीजन कैंप दीपाटोली के हवलदार संजय कुमार भास्कर की डिस्चार्ज याचिका सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। प्रार्थी ने याचिका दाखिल कर मामले से विमुक्त करने का अनुरोध किया था। साथ ही अदालत ने आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई की तारीख 18 सितंबर निर्धारित की।
अदालत ने उस दिन आरोपित को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। प्रार्थी की ओर से याचिका दस अगस्त को दाखिल की गई थी। हवलदार संजय भास्कर पर शराब के नशे में युवती के साथ छेड़खानी की कोशिश करने का आरोप है। पीड़िता अपने घर दीपाटोली के पास स्थित पार्क में खेल रही थी। जहां आरोपित ने उसके साथ छेड़छाड़ की कोशिश की थी। इस घटना को लेकर 5 अक्तूबर 2020 को खेलगांव थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।