Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से जुड़ा है। इस मामले में आरोपी ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की है।
उक्त मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 15 (ए) के तहत पीड़ित को बिना सुने कोर्ट कोई भी आदेश पारित नहीं कर सकती है। इसलिए इस मामले में पीड़ित (सीएम हेमंत सोरेन) को सुना जाना अनिवार्य है।
राज्य सरकार की ओर से मुकदमा जारी रखने की बात कहे जाने पर कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। दरअसल, इस मामले में गढ़वा के रहने वाले आरोपी ऋषिकेश कुमार के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
इसे भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने तीन यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार की नियुक्ति पर लगाई रोक, प्रक्रिया का मांगा मूल दस्तावेज
सुनवाई के दौरान ऋषिकेश के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने गलत मंशा से सीएम के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं लिखा था। इस मामले में उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
इसके बाद कोर्ट ने गढ़वा एसपी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में हाजिर हुए एसपी को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और कहा कि वह इस मामले में क्या कर रहे हैं। क्या पुलिस इस मामले में फाइनल फॉर्म देना चाहती है।
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कोर्ट के बताया कि अगर कोई किसी व्यक्ति को अपमानित करने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखता है, तो वह एससी-एसटी एक्ट में नीहित प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला माना जाता है।
उनकी ओर से यह भी बताया गया कि इस मामले में मुकदमा चलाया जाएगा और फिलहाल मामले की जांच चल रही है। दरअसल, चार जून को इसको लेकर गढ़वा में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस पर अदालत ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के तहत पीड़ित को नोटिस जारी किया जाता है।