Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत निचली अदालत के संज्ञान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने प्रार्थी को राहत देते हुए निचली अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान सहित सभी आपराधिक कार्यवाही को निरस्त कर दिया।
इसको लेकर मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के सचिव अरूण कुमार बुधिया की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के सचिव ने दाखिल की थी याचिका
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के सचिव अरूण बुधिया के कार्यकाल में जमीन के लिए पैसों की लेनदेन नहीं हुई थी।
यह मामला सिविल विवाद का है, जिसमें आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया जा सकता है। इसके अलावा ट्रस्ट के पूर्व सचिव के कार्यकाल में पैसे की लेनदेन हुई थी।
ऐसे आपराधिक मामला उत्तराधिकारी पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। उक्त जमीन के टाइटल को लेकर रतन जालान ने सिविल कोर्ट में सिविल शूट दाखिल किया है।
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इसके बाद अदालत ने मामले को सिविल विवाद मानते हुए आपराधिक मामला निरस्त कर दिया। बता दें कि पूर्व में ट्रस्ट के अध्यक्ष वासुदेव कटारूका और धर्मचंद्र जैन का निधन हो चुका है।
इस मामले में रतन जालान की ओर से वर्ष 2013 में कोतवाली थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया था।
प्राथमिकी में ट्रस्ट के तत्कालीन अध्यक्ष वासुदेव कटारूका और सचिव धर्मचंद्र जैन के बाद सचिव बने अरूण बुधिया पर ट्रस्ट की जमीन बेचने में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। रतन जालान ने कहा कि वर्ष 2012 में ट्रस्ट की अपर बाजार स्थित जमीन का सौदा 51 लाख रुपये में किया गया।
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