Ranchi: चार्टड एकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल से 5.50 करोड़ रुपए की ठगी मामले में आरोपी मेसर्स सरस्वती कम्पोनेंट प्राइवेट लिमिटेड एवं मेसर्स यूनिवर्सल ओटो कंपोनंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरुण कुमार तिवारी एवं उसकी पत्नी सरस्वती देवी की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई पश्चात अपर न्यायायुक्त आनंद प्रकाश की अदालत ने खारिज कर दी है। इससे दोनों को झटका लगा है। जीईएल चर्च कॉम्पलेक्स निवासी नरेश केजरीवाल ने सितंबर 2016 में हुई ठगी मामले को लेकर 4 जून 2020 को लोअर बाजार थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
ठगी मामले को लेकर उक्त दोनों के साथ इलाहाबाद बैंक रांची जोन के तत्कालीन डीजीएम एसके सिंह, इलाहाबाद बैंक गोरखपुर में कार्यरत तत्कालीन एजीएम अजीत कुमार झा, इलाहाबाद बैंक देवघर के तत्कालीन असिस्टेंट जेनरल मैनेजर साकेत कुमार एवं इलाहाबाद बैंक कोलकाता में कार्यरत पार्थ देव दत्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार बैंक अधिकारियों और दोनों पति-पत्नी मिलकर साजिश रचकर कंपनी का सीसी बैंक खाता को एनपीए से बचाने के लिए सितंबर 2016 में 2.50 करोड़ रुपए उधारी एक सप्ताह में लौटाने का वादा के साथ लिया था। बदले में एक ब्लैंक चेक मां छिन्नामस्ता इंटर प्राइजेज खाते का दिया। जिसे बैंक कर्मचारी ने ही स्वयं भरकर सितंबर 2016 को निकासी कर ली गई। बैंक अधिकारियों ने डूबी राशि वापस लेने के लिए और 3 करोड़ लिया। कहा गया कि जल्द ही 5.50 करोड़ रुपए वापस हो जाएगा। नरेश केजरीवाल और जाल में फंस गए।