राज्यसभा सांसद धीरज साहू को सुप्रीम कोर्ट से राहत, निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
नई दिल्लीः (Congress) कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू को (Supreme Court) सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके निर्वाचन (Election) को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
झारखंड में वर्ष 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में धीरज साहू की जीत के बाद भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सोंथालिया ने (Jharkhand High Court) झारखंड हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट में उनकी ओर से दलील दी गयी थी कि झामुमो विधायक अमित महतो के वोट की मतगणना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि अमित महतो को उसी दिन ही रांची की अदालत से एक मामले में सजा सुनायी है।
नियमानुसार एक साल से अधिक सजा मिलने के कारण विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त हो गयी थी। ऐसे में अमित महतो के वोट की गिनती नहीं की जानी चाहिए थी। यदि अमित महतो की वोट की गिनती नहीं होती, तो वे विजयी हो जाते।
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हाईकोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद जस्टिस अनंत बिजय सिंह की अदालत ने प्रदीप सोंथालिया की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद सोंथालिय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
धीरज साहू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि याचिका में चुनाव आयोग को पार्टी नहीं बनाया गया और रिकाउंटिंग की मांग नहीं की गयी।
प्रार्थी जो दावा कर रहे हैं वह सही नहीं है। जिस समय अदालत का फैसला आया उस समय अमित महतो ने अपने वोट डाल दिए थे और उन्हें अयोग्य करार दिए जाने का आदेश विधानसभा से जारी नहीं हुआ था।
इसके अलावा कोर्ट का आदेश विधानसभा के पास पहुंचा भी नहीं था। ऐसे में अमित महतो की मतों की गणना किया जाना उचित है।