Ranchi: Promotion Case झारखंड हाईकोर्ट ने कई बार आदेश देने के बाद भी प्रोन्नति नहीं देने के मामले में कृषि सचिव को तलब किया है। अदालत ने सचिव से पूछा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक वादियों को प्रोन्नति क्यों नहीं दी गई है। इस मामले में 24 सितंबर को सचिव को ऑनलाइन हाजिर होकर जवाब देना है।
जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई। इसको लेकर चंद्रदेव रंजन की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता चंचल जैन, अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगंधा ने बताया कि कोर्ट ने 2018 में पशुपालन विभाग के सहायक रजिस्ट्रार को प्रोन्नति देने का आदेश दिया गया था।
लेकिन विभाग की ओर से इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसके बाद वादियों की ओर से अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई। इस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने तत्कालीन कृषि सचिव पूजा सिंघल तलब किया था। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी को प्रोन्नति दी जाएगी।
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सचिव के आश्वासन दिए जाने के बाद अदालत ने वर्ष 2019 में अवमानना मामले को ड्राप करते हुए याचिका निष्पादित कर दी। सचिव के आश्वासन के दो साल बाद भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। इसके बाद वादी की ओर से दोबारा अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता चंचल जैन, अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगंधा ने अदालत को बताया कि सचिव के आश्वासन के बाद भी कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। जबकि सरकार का यह दलील नहीं चलेगी कि राज्य के सभी विभागों में दिसंबर 2020 से प्रोन्नित पर रोक लगाई गई है।
कहा गया कि इस मामले में प्रोन्नति पर रोक का आदेश लागू नहीं होगा, क्योंकि इस मामले में कोर्ट ने आदेश रोक लगाए जाने से पहले पारित किया है। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और अगली सुनवाई के दौरान कृषि सचिव को उपस्थित होने का आदेश दिया।