सुप्रीम कोर्ट को पहली बार मणिपुर का भी प्रतिनिधित्व मिल गया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने दो जजों को शपथ दिलाई जिनमें 61 साल के जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह भी शामिल हैं। खचाखच भरे कोर्टरूम में सीजेआई ने मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस आर महादेवन को भी सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या पूरी हो चुकी है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई को मिलाकर 33 जज हो गए हैं।
‘गन’ के नाम से मशहूर हैं जस्टिस एन कोटिश्वर
जस्टिस सिंह के पिता एन इबोतोंबी सिंह मणिपुर के ऐडवोकेट जनरल थे। अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए जस्टिस ए सिंह भी 2007 में मणिपुर को ऐडवोकेट जनरल बने। वह 2011 तक इस पद पर रहे। इसके बाद उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट का जज बनाया गया है। वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट में 2023 तक चीफ जस्टिस रहे।
जस्टिस सिंह ऐसे पहले जज हैं जिन्हें गोली लग गई थी और इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। साल 2010 में जब वह ऐडवोकेट जनरल थे तभी कांग्रेस सरकार के एक मंत्री की बंदूक से अचानक गोली चल गई। मंत्री रहे ओ इबोबी सिंह की बंदूक से अनजान में गोली चल गई थी। वह उस समय मंत्री के साथ कार में जा रहे थे। गोली जस्टिस सिंह को लग गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद से ही उन्हें ‘गन’ कहा जाने लगा।
बता दें कि जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस अनिरुद्ध बोस के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दो पद खाली हो गए थे। इसी साल जस्टिस हिमा कोहली और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी रिटायर होने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को ंजूरी दी थी और दोनों जजों की पदोन्नति पर मुहर लगी थी।