रांची। रांची शहर में खतरनाक खुले नालों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने खतरनाक नालों को बंद करने के मामले में रांची नगर निगम को गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन रांची नगर निगम यह बता नहीं पा रही है कि शहर के खुले सभी नाले कब तक बंद हो जाएंगे। इसकी वजह से दुर्घटना हो रही है, लेकिन निगम सिर्फ कागजी कार्रवाई ही कर रहा है। अदालत ने नालों को लेकर निगम की ओर से हुए सर्वे की पूरी जानकारी 25 सितंबर तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से बताया गया कि खुले नालों को ढंकने के लिए टेंडर निकाला गया है। करीब 47 नालों को ढक दिया गया है। शेष नालों पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि जून में जब इस मामले की सुनवाई हुई थी, तो उस समय भी निगम की ओर से यही बात कही गई थी। इसके बाद भी निगम की ओर से यही बात कही जा रही है। इससे लगता है कि नालों को ढंकने के लिए निगम गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
गौरतलब है कि प्रार्थी राजन कुमार सिंह ने इसको लेकर जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि हिंदपीढ़ी के निजाम नगर में पिछले साल नाले में गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। बच्ची नाले में बह गई थी और चुटिया में उसका शव बरामद किया गया था। यह नगर निगम की लापरवाही है और इसके लिए निगम के अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।
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