Ranchi: विधायक प्रदीप यादव (MLA Pradeep Yadav) व बंधु तिर्की (MLA Bandhu Tirkey) की ओर से जेवीएम पार्टी (JVM) का सिंबल बचाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
चुनाव आयोग ने छह मार्च 2020 को जेवीएम का सिंबल को डिलिट कर दिया है। इस आदेश के खिलाफ प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रदीप यादव के अधिवक्ता सुमीत गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि छह मार्च 2020 को चुनाव आयोग ने जेवीएम पार्टी का सिबंल समाप्त कर दिया। इसके पीछे आयोग की तर्क है कि जेवीएम पार्टी का भाजपा में विलय हो गया है।
सुमीत गाड़ोदिया ने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग के किसी पार्टी का सिंबल डिलिट करने का अधिकार नहीं है। वहीं, नियमानुसार किसी भी पार्टी के विलय के लिए दो तिहाई सदस्य की सहमति अनिवार्य है। दो तिहाही सदस्य उनके पास हैं।
भाजपा में पार्टी के विलय के लिएउन लोगों के सहमति नहीं ली गई है। ऐसे में पार्टी का विलय नहीं हुआ और चुनाव आयोग की ओर से विलय को मंजूरी देना गलत है। इसलिए चुनाव आयोग की ओर से जेवीएम पार्टी के सिंबल को समाप्त करने के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में पक्ष रखने का निर्देश दिया है।