रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में विधायक नवीन जायसवाल के आवास खाली करने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि कितने विधायकों को एफ टाइप आवास आवंटित किया गया हैं। विधायकों को किस आधार पर आवास आवंटित किया जाता है।
सरकार यह भी बताए कि विधायक नवीन जायसवाल से कनीय विधायक को एफ टाईप आवास आवंटित किया गया है क्या। अदालत ने सरकार से इसकी पूरी जानकारी मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को निर्धारित की गई है। इस मामले में सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व चंचल जैन ने अदालत को बताया कि एकल पीठ ने विधायक को दो सप्ताह में आवास खाली करने का आदेश दिया है।
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जबकि अपने आदेश में कहा है कि राज्य में मंत्री व विधायकों के आवास आवंटित करने के लिए कोई नियमावली ही नहीं है। अदालत को बताया गया कि इसके चलते आवास आवंटन समिति ने पीक एंड चूक के आधार पर विधायकों को आवास आवंटित किया गया है। इसके लिए समिति ने विधायकों की वरीयता का भी ख्याल नहीं रखा है। नवीन जायसवाल तीन बार से विधायक हैं और उन्हें ई टाइप आवास दिया गया है। लेकिन पहली बार विधायक बनने वालों को एफ टाइप आवास दिया गया है।
एकलपीठ ने भी अपने आदेश में माना है कि नियमावली नहीं होने से मनमाने ढंग से आवास आवंटित किए जाने की संभावना है। इसलिए राज्य सरकार जल्द से जल्द नियमावली बनाए। इस पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि विधायक नवीन जायसवाल ने एकल पीठ के आवास खाली करने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है।