भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्रों को वकील के रूप में पंजीकृत होने के लिए होने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) में शामिल होने की अनुमति दे दी गई है।
बीसीआई ने सुप्रीम को बताया कि अगले साल से होने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा में अंतिम वर्ष के छात्रों को शामिल होने देने के लिए नियम तैयार हैं। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष बीसीआई की ओर से पेश अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया कि 20 सितंबर को अदालत द्वारा पारित अंतरिम आदेश का पालन कर दिया गया है। साथ ही कहा कि आदेश के पालन में 25 सितंबर को अधिसूचना जारी कर एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्रों को भी बार परीक्षा में शामिल होने देने की अनुमति दे दी है।
पीठ को बताया गया कि अगले साल से होने वाले अखिल भारतीय बार परीक्षा के लिए, नियम तैयार हैं, हमें बस हितधारकों के समक्ष रखना है। इसके लिए बीसीआई ने पीठ से 4 सप्ताह का समय देने की मांग की। इसके बाद पीठ ने इसके बाद बीसीआई को समुचित समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
छात्रों को असहाय नहीं छोड़ा जा सकता सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को बीसीआई को अंतिम वर्ष के एलएलबी छात्रों को बार परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुमति देने का आदेश दिया था। पीठ ने कहा था कि अंतिम वर्ष के छात्रों को ‘असहाय’ नहीं छोड़ा जा सकता है। पीठ ने कहा था कि यदि अंतिम वर्ष के छात्रों को इस साल एआईबीई में बैठने की अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा।