बाल सुधार गृह नहीं बल्कि गुरुकुल समझकर अपनी प्रतिभा निखारें : जस्टिस एके चौधरी

बाल सुधार गृह में आयोजित डांडिया नाइट्स के आयोजन के दौरान झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एके चौधरी ने कहा कि यहां रहने वाले बच्चे इसे सुधार गृह नहीं समझें, बल्कि गुरुकुल समझकर अपने करियर को उड़ान प्रदान करें।

उन्होंने देवघर बाल सुधार गृह के एक बच्चे का जमशेदपुर के एनआइटी में नामांकन का जिक्र करते हुए कहा कि आप यहां शांति के साथ अपनी पढ़ाई या शौक के अनुसार अपने प्रतिभा को निखार सकते हैं।

पहले धनाढ्य के बच्चे गुरुकुल भेजे जाते थे, ताकि वहां पर शांति से अपने प्रतिभा के अनुसार कौशल प्राप्त कर सकें। यहां पर भी ऐसा ही माहौल है, जिसका फायदा उठाते हुए अपनी प्रतिभा को निखारें।

बाल सुधार गृह में हुआ डांडिया नाइट्स का आयोजन

Justice AK choudhary
Justice AK choudhary

डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह में डांडिया नाइट्स का आयोजन लायंस क्लब की ओर से किया गया। रांची के न्यायायुक्त एके राय ने कहा कि यहां के बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिला है। उनके कई बड़े-बड़े लोग मिलने आते हैं। उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि उनके जैसे बनने की कोशिश की जाए।

इस दौरान मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि उन्होंने बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की है। मां-बाप से दूर रहने में थोड़ी दिक्कत जरूर होती है। लेकिन यहां पर आप लोगों को बचाने के लिए रखा गया है, ताकि आगे किसी कानूनी पचड़े में नहीं पड़ें। इसलिए इस मौके का फायदा उठाकर अपने करियर पर ध्यान दें।

Dandiya nights

जुवेनाइल जस्टिस कम पोक्सो कमेटी की उप सचिव तान्वी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दौरान जस्टिस एके चौधरी की पत्नी प्रनीति चौधरी सहित अन्य लोगों ने बच्चों के साथ डांडिया नृत्य भी किया। इस दौरान लायंस क्लब के सिद्धार्थ मजुमदार, लायंस क्लब देवघर की रूपश्री सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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