प्रोन्नति पर लगी रोक हटी, झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- अंतिम फैसले से प्रभावित होगा प्रमोशन
झारखंड हाई कोर्ट ने आरक्षित श्रेणी के पदाधिकारियों को अनारक्षित श्रेणी के रिक्त पदों पर प्रोन्नति देने के कार्मिक विभाग के आदेश पर लगायी रोक हटा दी है। जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने कहा है कि प्रान्नति का मामला इस याचिका के अंतिम आदेश से प्रभावित होगा।
हाई कोर्ट ने 31 अक्तूबर को कार्मिक विभाग के वर्ष 2022 में जारी उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें आरक्षित वर्ग के पदाधिकारियों को अनारक्षित वर्ग प्रोन्नति देने को कहा गया था। सरकार की ओर से अदालत से पदोन्नति पर रोक हटाने का आग्रह किया गया।
प्रोन्नति के मामलों के बढ़ेंगे केस
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि राज्य के कई कर्मचारी सेवानिवृत्ति होने वाले हैं। रोक लगने की वजह से उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा सभी अपने-अपने मामलों को लेकर हाई कोर्ट पहुंचेगें तो केस की बाढ़ आ जाएगी।
उनकी ओर से यह भी कहा गया कि इस मामले की जल्द सुनवाई कर इसे निष्पादित कर दिया जाए। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अदालत ने रोक हटा ली, लेकिन कहा कि प्रमोशन का मामला याचिका के अंतिम आदेश से प्रभावित होगा। मामले की अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी।
इस संबंध में मुकेश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि आरक्षित श्रेणी के पदाधिकारियों को प्रोन्नति का लाभ भी उसी श्रेणी में मिलना है। लेकिन कार्मिक विभाग ने तीन जून 2022 को एक आदेश जारी कर कहा था कि आरक्षित श्रेणी के पदाधिकारी अनारक्षित श्रेणी में भी प्रोन्नति पा सकते हैं।
ऐसा करने से सामान्य श्रेणी के पदाधिकारियों की वरीयता के साथ-साथ प्रोन्नति प्रभावित हो रही है। इसलिए उक्त आदेश को निरस्त कर देना चाहिए। इसके बाद अदालत ने कार्मिक विभाग के पत्र के आधार पर प्रोन्नति देने पर अगले आदेश तक रोक लगा दीथी।
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