रिम्स डेंटल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एमबी जयप्रकाश को पद से हटाए जाने के आदेश पर झारखंड हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस दीपक रौशन की अदालत ने इस मामले में रिम्स एवं अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए फरवरी में अगली सुनवाई निर्धारित की।
इसको लेकर डॉ जय प्रकाश ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया गया कि नियमों का पालन किए बिना एमबी जयप्रकाश को पद से हटाया गया है।
रिम्स डेंटल कॉलेज से जुड़ा मामला
रिम्स डेंटल कॉलेज में उनके स्थान पर नरेंद्र नाथ सिंह को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है जो कि गलत है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के आलोक में एसबी जयप्रकाश को प्रिंसिपल इंचार्ज के पद से हटाया गया जो सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ है।
कोर्ट ने प्रार्थी की दलील सुनने के बाद रिम्स डेंटल कॉलेज के एमबी जयप्रकाश को पद से हटाए जाने के रिम्स प्रबंधन के आदेश पर रोक लगाते हुए फरवरी में अगली सुनवाई निर्धारित की।
पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश को नहीं मिली राहत
एक हजार करोड़ रुपये के अवैध खनन से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने ईडी कोर्ट से प्रेम प्रकाश की डिस्चार्ज याचिका को खारिज किए जाने को सही बताते हुए प्रेम प्रकाश की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन मामले में प्रेम प्रकाश की संलिप्तता प्रतीत होती है। बता दें कि ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने प्रेम प्रकाश के डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया था। उनके खिलाफ अदालत ने आरोप भी गठित कर दिया है।
प्रेम प्रकाश ने खुद को निर्दोष बताते हुए ईडी कोर्ट द्वारा उनके डिस्चार्ज पिटीशन खारिज किए जाने एवं उन पर आरोप गठित किए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा और बच्चू यादव के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र पूर्व में ही दाखिल कर दिया है।
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