रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने सर्किल इंस्पेक्टर (CI) से सर्किल ऑफिसर (CO) की प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने प्रार्थियों को राहत देते हुए प्रोन्नति समिति की बैठक पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में प्रतिवदियों को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में होगी।
इसको लेकर श्रवण कुमार झा व अन्य 28 लोगों ने प्रोन्नति को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि उनसे कनीय लोगों को सर्किल इंस्पेक्टर (सीआई) से सर्किल ऑफिसर (सीओ) में प्रोन्नति दे दी गई है। फिलहाल अभी सरकार अन्य लोगों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया अपना रही है। जबकि ये लोग उनसे वरीयता सूची में नीचे हैं। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 के नियमानुसार सीआई के पद आठ साल काम करने वाले को सीओ में प्रोन्नति दी जाएगी।
लेकिन पूरे झारखंड में कोई ऐसा सीआई नहीं है, जिसने इस पर आठ साल काम किया हो। इसके बाद सरकार ने इसमें छूट देते हुए बीस साल सेवा देने वाले और एक साल तक सीआइ के पद काम करने वाले को सीओ में प्रोन्नति प्रदान कर दी। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थियों की सेवा बीस साल नहीं। लेकिन जिन्हें प्रोन्नति दी गई है, वे सभी उनसे कनीय है। ऐसे में अगर किसी प्रकार की छूट प्रदान की जाती है, तो सूची वरीय होने वाले पदाधिकारियों को पहला हक मिला चाहिए।
उनकी ओर से हाल में होने वाली प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की। इस पर अदालत ने अगले आदेश तक विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक पर रोक लगा दी। गौरतलब है कि सरकार ने बीस साल सेवा और एक साल तक सीआई के पद काम करने वाले करीब चालीस लोगों को दिसंबर 2019 में प्रोन्नति प्रदान कर दी है। इसके खिलाफ ही प्रार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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