अफसरों को फंसाने की साजिश और जेल में छापेमारी पर हाई कोर्ट ने ईडी से मांगी सीलबंद रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने जेल से ईडी अफसरों को फंसाने की साजिश और ईडी के जेल में छापेमारी को लेकर रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी को 21 नवंबर को सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान शिवशंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत के समक्ष कई अखबार पेश करते हुए कहा कि जेल में बंद कुछ आरोपी अब ईडी अधिकारियों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। सरकार के इशारे पर ऐसा हो रहा है। इसलिए इस मामले में अदालत को खुद संज्ञान लेना चाहिए।

इसके बाद अदालत ने महाधिवक्ता राजीव रंजन को बुलाया। अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि यह गंभीर मामला है इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत से कहा कि यह मीडिया ट्रायल है। मीडिया में जो भी बातें आ रही है वह सही नहीं है।

ईडी मामले की कर रही जांचः सरकार

उनकी ओर से कहा गया कि ईडी इस मामले की जांच कर रही है। उसने कई जेल के कर्मचारियों को समन भी जारी किया है। जब ईडी इसकी जांच कर रही है, तो इस पर हाई कोर्ट संज्ञान नहीं ले सकता। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों में यह स्पष्ट किया गया है कि जब कोई एजेंसी किसी मामले की जांच कर रही है , तो मीडिया में प्रकाशित खबरों पर अदालतें स्वत: संज्ञान नहीं ले सकती।

यह मामला भी इसी तरह का है। समन जारी होने के बाद अधिकारी और कर्मचारी ईडी कार्यालय पहुंच भी रहे हैं। इस पर अदालत ने कहा कि मीडिया की खबरों को कोर्ट सही नहीं मान रहा है, लेकिन ऐसी बातों को सिरे से नकारा भी नहीं जा सकता। इसके बाद अदालत ने ईडी को जेल से अधिकारियों के खिलाफ चल रही साजिश, जेल में चल रही गतिविधि और छापेमारी की सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 21 नवंबर को निर्धारित कर दी।

सरकारी जमीन की अवैध खरीद बिक्री का था मामला

मंगलवार को ची‌फ जस्टिस की अदालत में शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस याचिका में राज्य में सरकारी जमीन की अवैध तरीके से हो रही खरीद बिक्री की जांच के लिए अदालत से आग्रह किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि सरकारी और गैर मजरूआ जमीन की अवैध तरीके से खरीद बिक्री कर जमीन माफिया और अधिकारियों के गंठजोड़ ने अवैध संपत्ति अर्जित की है।

अदालत से इस मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ चल रही साजिश का मामला अदालत में उठाया था।

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