बेहतर इलाज के लिए पूर्व विधायक संजीव सिंह को क्यों नहीं भेजा एम्स, हाई कोर्ट का सरकार से सवाल

झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी भाजपा के पूर्व विधायक संजीव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।

जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने सरकार से पूछा है कि संजीव सिंह को बेहतर इलाज के लिए एम्स क्यों नहीं भेजा गया। तीन जनवरी तक सरकार को जवाब देने का निर्देश अदालत ने दिया।

प्रार्थी संजीव सिंह की ओर से अपनी बीमारी का हवाला देते हुए 30 दिन का प्रोविजनल बेल देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संजीव सिंह गंभीर रूप से बीमार हैं और रिम्स में उनका इलाज चल रहा है।

रिम्स के आठ डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजने की अनुशंसा की है, लेकिन जेल प्रशासन अगस्त माह से ही इस मामले में मौन है और अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

11 अप्रैल 2017 से जेल में हैं पूर्व विधायक संजीव सिंह

नीरज सिंह की हत्या के मामले में पूर्व विधायक संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से जेल में बंद हैं। इससे पूर्व भी हाईकोर्ट से संजीव सिंह की जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। 21 मार्च 2017 को सरायढेला में नीरज सिंह समेत चार की हत्या हुई थी।

23 मार्च 2017 को सरायढेला थाना में नीरज के भाई अभिषेक सिंह की लिखित शिकायत पर संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंत पांडेय और गया प्रताप सिंह के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

बाद में इस केस में शूटरों के साथ अन्य संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस को संजीव सिंह की भूमिका षडयंत्रकारी की मिली। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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