हाई कोर्ट ने बीबीए एवं बीसीए डिग्रीधारी प्रार्थियों को शिक्षक की नियुक्ति पर विचार करने का दिया निर्देश
Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने जेएसएससी) की ओर से फिजिकल एजुकेशन (शारीरिक शिक्षक) टीचर पद के लिए बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए ) एवं बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) की शैक्षणिक योग्यता को समकक्ष मानते हुए प्रार्थियों की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है।
इसको लेकर हाई कोर्ट पहुंचे पूर्णिमा कुमारी, अभिजीत कुमार सिन्हा एवं आशुतोष कुमार ने निर्धारित कट ऑफ से ज्यादा अंक प्राप्त करने के बाद भी उनकी नियुक्ति पर विचार नहीं किया गया। इसके विरुद्ध उनकी ओर से हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति प्रक्रिया में विचार करने निर्देश जेएसएससी को दिया है।
बीसीए साइंस विषय का अभिन्न अंग
जेएसएससी ने फिजिकल एजुकेशन शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बीबीए एवं बीसीए की डिग्रीधारक अभ्यर्थियों को कॉमर्स एवं साइंस से स्नातक डिग्री के समक्ष नहीं माना था। इसलिए इनको नियुक्ति से वंचित रखा था। इससे पहले भी हाई कोर्ट ने मुकेश रंजन एवं राजदेव सिंह के केस में बीबीए को कॉमर्स के अंतर्गत तथा बीसीए को साइंस के अंतर्गत माना था।
हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि पूर्व में हाई कोर्ट ने इस तरह के मामले में सुनवाई करते हुए बीबीए और बीसीए को कामर्स और साइंस के स्नातक के समकक्ष माना है। इसके बाद अदालत ने प्रार्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में कंसीडर करने का आदेश दिया है।
बीसीए और बीबीए को माना था स्नातक के समकक्ष
बता दें कि पूर्व में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मुकेश रंजन एवं राजदेव सिंह के मामले में अपने आदेश में कहा था कि बीसीए साइंस विषय का अभिन्न अंग है। इसलिए किसी भी नियुक्ति में उन्हें स्नातक के समकक्ष माना जाएगा।
जेएसएससी ने प्रशिक्षित स्नातक टीचर (फिजिकल एजुकेशन) की विज्ञापन संख्या 21/ 2016 में अभ्यर्थियों के लिए साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स में 45 प्रतिशत अंक के साथ स्नातक की अर्हता निर्धारित की थी, जबकि प्रार्थी के पास बीबीए, बीसीए की डिग्री थी। उक्त परीक्षा में कट ऑफ से ज्यादा अंक प्राप्त होने के बाद भी जेएसएससी ने प्रमाण पत्र सत्यापन के समय प्रार्थियों की उम्मीदवारी रद कर दी थी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया था कि बीसीए साइंस विषय का अभिन्न अंग है। देश की शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं। कई नए कोर्स आए हैं जो साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स के अभिन्न अंग हैं। इस तरह बीसीए भी साइंस का अभिन्न अंग है। वर्ष 2014 में यूजीसी की अधिसूचना में कहा गया था कि बीसीए साइंस का अभिन्न अंग है।
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