गड़बड़ी के मूल दस्तावेज नहीं मिलने पर हाई कोर्ट ने आईओ से कहा- सर्च वारंट लेकर करें तलाश, आरोपियों राहत नहीं

Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट में जमशेदपुर बार एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान अनुसांधन अधिकारी ने अदालत को बताया गया कि आडिट से संबंधित मूल दस्तावेज नहीं मिल रहा है। अदालत उनको निचली अदालत में सर्च वारंट लेने के लिए आवेदन देने को कहा गया है।

अदालत ने वारंट मिलने के बाद दस्तावेज की तलाश करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई आठ सितंबर को होगी। इस दौरान अनुसंधान पदाधिकारी कोर्ट में उपस्थित हुए थे।

एसोसिएशन में हुए वित्तीय अनियमितता मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस एसके द्विवेदी की खंडपीठ में हुई।

इस दौरान मामले में आरोपी जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन की पदाधिकारियों की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर इसे निष्पादित करने का आग्रह किया गया।

उनकी ओर से कहा गया कि मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है, ऐसे में अब इस जनहित याचिका पर सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं है।

अदालत ने उनके आग्रह को अस्वीकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में आगे सुनवाई जारी रखना चाहती है। यह कहते हुए अदालत ने उनकी हस्तक्षेप याचिका खारिज कर दी।

मूल दस्तावेज नहीं मिल रहा- आईओ

इससे पहले आईओ ने अदालत को बताया गया कि जिस दस्तावेज के आधार पर वर्ष 2016 से 2019 तक बार एसोसिएशन का आडिट किया गया है उसका मूल दस्तावेज और रजिस्टर नहीं मिल रहा है।

यह दस्तावेज चार्टर्ड अकाउंटेंट अंजलि जैन एवं एसोसिएट ने रिसीव किया गया था। लेकिन अब नहीं मिल रहा है। आईओ ने बताया कि इस मामले में शामिल लोगों से पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।

बता दें कि इस मामले में आडिट रिपोर्ट के आधार पर झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एसएसपी को पत्र लिखकर जांच करने को कहा था। इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है।

जांच में प्रगति नहीं होने पर अदालत ने आईओ को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। इस संबंध में अधिवक्ता राजेश जायसवाल की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है।

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