Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रिम्स में ट्यूटर नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि वर्ष 2007-08 में किस नियम के अनुसार रिम्स में ट्यूयर्स की नियुक्ति की गई है। क्या उस समय ट्यूटर का पद सीमित अवधि के लिए था या फिर स्थायी था।
सरकार को इस पर विस्तृत जानकारी 16 अगस्त से पहले अदालत में दाखिल करनी है। अदालत ने इस मामले में वादियों को अंतरिम राहत बरकरार रखा है। पूर्व में कोर्ट ने रिम्स के ट्यूटर को हटाने पर रोक लगाई है। इसको लेकर डॉ रेखा शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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याचिका में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति वर्ष 2007-08 में हुई थी। इसके बाद रिम्स ने वर्ष 2014 में नई नियुक्ति नियमावली बनाई। इसमें ट्यूटर पद पर नियुक्ति केवल तीन साल के लिए निर्धारित की गई। इसके बाद रिम्स ने पहले से नियुक्त हुए ट्यूटर्स को हटाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी।
वादी ने रिम्स की कार्रवाई और नियुक्ति नियमावली को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। उनका कहना है कि नई नियमावली बनने से पहले ही उनकी नियुक्ति हुई है। ऐसे में उक्त नियमावली उन पर लागू नहीं होती है। पूर्व में सुनवाई के दौरान ही अदालत ने वादी को अंतरिम राहत देते हुए उसके हटाए जाने पर रोक लगा दी थी।