रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने रिश्वत मामले में पांच साल की सजा पाए भीम सिंह की अपील पर सुनवाई की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सजायाफ्ता भीम सिंह को बरी करने का आदेश दिया। भीम सिंह को इसी साल मार्च में पांच साल की सजा सुनाई गई है, तभी से वे जेल में बंद हैं।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में सूचक ने निचली अदालत में अपनी गवाही से मुकर गया और कहा कि मुंशी भीम सिंह ने उनसे रिश्वत की मांग नहीं की थी। बल्कि खर्चा पानी मांगा था। प्रार्थी की ओर से कई आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया कि रिश्वत की मांग व रिश्वत लेना अगर साबित नहीं होता है, तो इसका लाभ प्रार्थी को मिलना चाहिए। ऐसे में निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर देना चाहिए। इस दौरान एसीबी के अधिवक्ता टीएन वर्मा ने इस दलील का विरोध किया। इसके बाद अदालत ने भीम सिंह को रिहा करने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि धनबाद के बैंकमोड़ थाने के मुंशी भीम सिंह ने एक मामले में ट्रक मालिक से पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद ट्रक मालिक परमेश्वर साव ने इसकी शिकायत एसीबी से की थी। सत्यापन के बाद एसीबी ने अक्टूबर 2016 को मुंशी भीम सिंह को दो हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में धनबाद की निचली अदालत ने पांच मार्च को भीम सिंह को पांच साल की सजा व पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।