झारखंड हाई कोर्ट से अलकतरा घोटाला में मनी लाउंड्रिंग के आरोपी कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक महेश मेहता को अंतरिम राहत मिली है।
महेश मेहता की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने प्रार्थी के खिलाफ किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
अदालत ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को निर्धारित की है। ईडी की विशेष अदालत ने 21 जुलाई को महेश मेहता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
महेश मेहता के खिलाफ सीबीआई ने भी की जांच
कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर को 30 किमी लंबी परवा- गढ़वा रोड के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम पथ निर्माण विभाग की ओर से दिया गया था। आरोप है कि कंपनी ने अलकतरा के करीब 1.8 करोड़ रुपये का फर्जी बिल विभाग में जमा किया। इस मामले की पहले सीबीआई जांच कर रही थी। बाद में ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की।
ईडी कोर्ट ने मामले में छह आरोपियों महेश मेहरा एवं नागवंत पांडेय सहित कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, कौशल्या टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, कौशल्या निर्माण प्राइवेट लिमिटेड, बंगाल केडीसी हाउसिंग डेवलपमेंट लिमिटेड के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है।
वर्ष 2021 में ईडी ने झारग्राम में कौशल्या हेरिटेज होटल को जब्त किया था। कंपनी ने काम के बदले 59 रसीद जमा की थी। इसमें से 33 रसीद ही सही मिले थे। जबकि अन्य फर्जी पाए गए।
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