Ranchi: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची तथा न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष, डालसा के मार्गदर्शन में कांके ब्लॉक, रांची में डालसा ने जागरूकता कार्यक्रम ‘‘विधान से समाधान’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन डालसा सचिव कमलेश बेहरा, चीफ एलएडीसएसी प्रवीण श्रीवास्तव, डिप्टी एलएडीसीएस राजेश कुमार सिन्हा, विशेषज्ञ मध्यस्थ अरूणा प्रकाश, कांके प्रखंड के पंचायत सेवक एवं प्रखंड के कर्मचारी के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
डायन-बिसाही अंधविश्वास है, किसी भी डायन कहना है कानूनन अपराध- प्रवीण श्रीवास्तव
मंच का संचालन पीएलवी विक्की चौधरी ने किया। स्वागत भाषण डालसा सचिव कमलेश बेहरा ने दिया उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इसके साथ ही साथ श्री बेहरा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के द्वारा महिलाओं को दी जानेवाली सुविधाओं व सरकार द्वारा दी जानेवाली लाभकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
एलएडीसीएस चीफ प्रवीण श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में महिलाओं से संबंधित कानून के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने डायन प्रथा, बाल तस्करी एवं बाल विवाह पर लोगों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डायन-बिसाही अंधविश्वास है, किसी भी महिला को डायन कहकर मारना या प्रताड़ित करना कानून अपराध है। बाल विवाह पर फोकस करते हुए कहा कि अभिभावक अपने कन्याओं की विवाह 18 वर्ष के बाद ही करें, उनकी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दें। बाल तस्करी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चियों को लालच देकर झारखंड से दूसरे राज्य में ले जाकर उससे वैश्यावृत्ति का काम कराते हैं या फिर उन्हें भिखारी बनाकर भीख मांगने पर मजबूर करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने श्रम कानूनों के बारे में भी विस्तार से बताया
विशेष मध्यस्थ श्रीमती अरूणा प्रकाश ने मानव तस्करी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चियों को जब बहला-फुसला कर मानव तस्करी का शिकार बनाया जाता है उसकी शिकायत करने के लिए जो थाने बनाये गये है, उसे ‘एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट’ कहते है, अरगोड़ा, हटिया और चुटिया में है। तस्करी से संबंधित कानूनों पर विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने डायन-बिसाही पर फोकस करते हुए बताया कि किसी को भी डायन कहकर इंगित करना अपराध के श्रेणी में आता है, जिसके लिए सजा का प्रावधान और हर्जाना भी है।
दहेज लेना और देना दोनों कानूनन अपराध- राजेश कुमार सिन्हा
गौरतलब हो कि, पैनल के रिसोर्स पर्सन के द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के केस स्टडीज पर चर्चा की गई, महिलाओं को प्रेरित किया गया और सदा कानून के प्रति सजग और जागरूक रहने को कहा गया एलएडीसीएस डिप्टी राजेश कुमार सिन्हा ने दहेज प्रथा पर फोकस करते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनों कानूनन अपराध है। अगर कोई व्यक्ति किसी से दहेज का मांग करता है, और दूसरा दहेज देने के लिए राजी हो जाता है, तो दोनों कानूनन अपराध है। दहेज प्रथा के लिए कानून बना हुआ है। दहेज मांगने पर 6 माह से दो वर्ष का सजा का प्रावधान है। दहेज लेने पर 5 साल का जेल और 15 हजार का जुर्माना है। उन्होंने कहां कि दहेज देने पर भी देनेवालों पर उक्त कानून लागू होता है। दहेज के कारण ही महिला प्रताड़ित होता है। महिला को मारा-पीटा जाता है तथा जान से भी मार दिया जाता है। महिलाओं के साथ देड़खानी पर बनाये गये कानून के संबंध में बताया कि किसी भी प्रकार से महिला की गरिमा को भंग करने का प्रयास किया जाता है, तो वह कानूनन अपराध है, जिसके लिए पांच वर्ष तक सजा की व जुर्माने का प्रावधान है।