Ranchi: house Dispute रांची ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में पूर्व मंत्री एनोस एक्का के हिनू स्थित आवास की वापस करने की मांग वाली याचिका सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए एक दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई है।
सुनवाई के दौरान एनोस एक्का की ओर से अदालत को बताया गया कि हिनू स्थित आवास को ईडी ने अटैच किया है। वह आवास एनोस एक्का के नाम से नहीं, बल्कि उनकी पत्नी मेनन एक्का के नाम से है। ईडी ने गलत तरीके से आवास को जब्त कर उसमें अपना कार्यालय खोल दिया है। ऐसे में आवास को मुक्त कराया जाए। इसके बाद अदालत ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
डोरंडा कोषागार मामले में दो चिकित्सकों की बहस पूरी
चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में डोरंडा कोषागार से जुड़े लालू प्रसाद के मामले में दो पशु चिकित्सकों की ओर से दलीलें रखी गई। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में आरोपित डा शशि भूषण प्रसाद एवं डा जसवंत सहाय ने दलीलें रखी।
विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बहस के दौरान दोनों ने अपने आप को निर्दोष बताया। मामले में अब तक 69 आरोपितों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ओर से 29 नवंबर से दलीलें रखी जा सकती है। मामले में कुल 112 आरोपित मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
संविधान के प्रति निष्ठा जताई
भारतीय संविधान की शक्ति उसके उद्देश्य उसमें वर्णित सामाजिक, आर्थिक न्याय की परिकल्पना समझने का इससे अच्छा अवसर कोई नहीं हो सकता। वैसे तो हम रोज संविधान के प्रविधानों के तहत ही काम करते हैं लेकिन वर्ष में एक दिन ऐसा भी होता है। जिसमें हम अपने संविधान के प्रति निष्ठा प्रकट करने के लिए एक जगह एकत्रित होते हैं।
उक्त बातें एसीजेएम सह डालसा के प्रभारी सचिव मनोरंजन कुमार ने सिविल कोर्ट परिसर में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही। भारतीय संविधान को अंगीकार करने की इस साल 71वीं सालगिरह है। इस दौरान कार्यक्रम में जज व कर्मचारियों ने संविधान के प्रस्तावना को एक साथ पढ़ा।
इस कार्यक्रम में सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त एके राय, फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज आर कुमार, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी अग्रवाल, संयुक्त सचिव प्रशासन पवन रंजन खत्री समेत सभी न्यायिक पदाधिकारियों, लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजकों, कोर्ट कर्मचारी, बार एसोसिएशन के अधिवक्ता एवं पीएलवी मौजूद रहे।