रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में हजारीबाग की एक नाबालिक बच्ची को एसिड पिलाने के मामले सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है, लेकिन अब तक की पुलिस की जांच से पता चल रहा है कि आरोपी को बचाया जा रहा है। इस मामले में अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने पर अदालत ने नाराजगी जताई।
सुनवाई के दौरान हजारीबाग के एसपी और केस के जांच अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने पूछा कि मामले के नामजद आरोपी को अब क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है। जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि सभी मिलकर आरोपी को बचा रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। अदालत ने मामले में केस डायरी के साथ विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
इसे भी पढ़ेंः चीफ जस्टिस ने सरकार के दावे की खोली पोल, अदालत में ही मंगाया गुटखा
गौरतबल है कि दिसंबर 2019 में हजारीबाग की एक नाबालिग स्कूली छात्रा को कुछ लोगों ने जबरन एसिड पिला दिया। इसके बाद पीड़िता रिम्स सहित पटना में इलाज हुआ। वह दो माह तक कुछ नहीं बोल पाई। इसकी खबर अखबार में प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था। हाईकोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदल दिया और सुनवाई कर रही है।