भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को हाईकोर्ट से मिली राहत तीन सप्ताह के लिए और बढ़ा दी गयी है। बुधवार को देवघर में दर्ज एक केस के मामले की सुनवाई के दौरान निशिकांत दुबे की ओर से अदालत को बताया गया कि बुधवार को ही उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इस कारण जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें समय चाहिए। इस पर अदालत ने पूर्व से मिली राहत बरकरार रखते हुए सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित की। हाईकोर्ट ने पूर्व में निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि देवघर के मोहनपुर थाना में सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस केस को निरस्त करने का आग्रह निशिकांत दुबे ने किया है। निशिकांत दुबे पर आरोप है कि एक व्यक्ति बैल के साथ संदिग्ध अवस्था में दिख रहा था। सांसद निशिकांत दुबे ने उस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया था। उनका कहना था कि उसे क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा गाय- बैल की तस्करी की जाती है। इसके खिलाफ निशिकांत दुबे पर भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। एक और मामले में पीड़क कार्रवाई पर रोक झारखंड हाईकोर्ट से निशिकांत दुबे को एक और मामले में राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट देवघर द्वारा परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से मेडिकल कॉलेज खरीदे जाने के विरोध में दर्ज एफआईआर को निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
इस मामले में अदालत ने शिकायतकर्ता देवघर परित्राण मेडिकल ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। निशिकांत दुबे की ओर से याचिका दाखिल कर इससे संबंधित एफआईआर को निरस्त करने का आग्रह किया गया है। परित्राण मेडिकल ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा की ओर से एफआईआर दर्ज कर कहा गया है कि बाबा बैजनाथ मेडिकल ट्रस्ट, देवघर जिसमें सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी ट्रस्टी भी है उसके द्वारा जालसाजी कर परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से मेडिकल कॉलेज खरीदा गया है।