Ranchi: Judge Uttam Anand Murder Case धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले की जांच को अंजाम तक पहुंचाएगी। इसके लिए प्रत्येक सप्ताह सीबीआई को जांच रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
सीबीआई की जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद अदालत ने कहा कि उन्हें सीबीआई की जांच पर पूरा भरोसा है, लेकिन अब तक खामियों को कोर्ट ने जांच अधिकारी के सामने उठाया, ताकि इसमें सुधार कर प्रोफेशनल तरीके से जांच की जाए। सीसीटीवी फुटेज दिखाकर आईओ से सवाल पूछा कि जब ऑटो वाले ने जज को टक्कर मारी तो क्या इंपैक्ट वाली जगह की जांच एफएसएल को भेजा गया है या नहीं।
उन्होंने कहा एसआइटी ने पूरे ऑटो को ही रांची एफएसएल भेजा है लेकिन रिपोर्ट नहीं आयी है। अदालत ने कहा कि इस मामले में सीबीआइ से आग्रह होगा कि वह समय न गुजरे। दूसरे राज्य से तार जुड़ने के सवाल पर आइओ ने कहा कि अभी तक कि जांच में ऐसी बात सामने नहीं आयी हैं।
अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निगरानी हो रही है। इसलिए अगली सुनवाई के दौरान सीबीआई जांच रिपोर्ट में कुछ कंक्रीट सबूत लाए, ताकि सीबीआई पर भरोसा बना रहे। अदालत ने कहा कि प्रोफेशनल तरीके से जांच हो, जिससे कि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाए।
अदालत ने आईओ से पूछा कि घटना के समय वहां से गुजरने वाले बाइक की पहचान कर पूछताछ की गई है या नहीं। आईओ ने कहा कि उनसे पूछताछ की गई है। वे कोलियरी में काम करने वाले हैं। इस पर अदालत ने कहा कि आपको धनबाद की कोलियरी का इतिहास जानना होगा।
कहा कि पर गैंगवार होता है और कई लोगों की हत्याएं की गई है। इसको लेकर गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म भी बन चुकी है। कोर्ट चाहती है कि सभी एंगल की जांच की जाए। अदालत ने कहा कि प्रोग्रेस रिपोर्ट में कुछ आएगा तभी तो कोर्ट इसकी निगरानी कर पाएगी।
इस दौरान जांच अधिकारी ने कहा कि उन्होंने उक्त ऑटो से घटना को रिक्रिएट किया है, ताकि मामले को समझने में सहूलियत हो। लेकिन अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। अदालत ने कहा कि अगर ऑटो पीछे से धक्का मारेगा, तो व्यक्ति सामने की ओर गिरेगा, लेकिन यहां बाएं गिरा है।
अदालत ने राज्य सरकार को धनबाद के न्यायिक पदाधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा। इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि धनबाद के सभी न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा सख्त कर दी गई। आवासीय परिसर में भी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
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बता दें कि इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट की सहमति पर एसआईटी का गठन किया गया था। उन्होंने हाई कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इस पर हाईकोर्ट ने एसआईटी की खिचाई भी की। अदालत ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने में छह घंटे की देरी की गई है।
निचली अदालत में आरोपियों की ओर से इस बिंदु का लाभ मिल सकता है। क्योंकि जांच में कई बिंदु छूट गए हैं। इसलिए आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत एकत्र करने होंगे, ताकि उन्हें पर्याप्त सजा दिलाई जा सके। बहरहाल इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।
सीबीआई जांच पर भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जब उन्होंने सीबीआई को जांच सौंपने को कहा था, तो सरकार ने इससे इन्कार करते हुए अपने पुलिस पर ज्यादा भरोसा जताया था। लेकिन अब किन परिस्थितियों में सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी गई है।
सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले की व्यापकता को देखते हुए सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई है। इस मामले में दूसरे राज्यों से भी तार जुड़ने की संभावना है। ऐसे में पुलिस जांच में परेशानी होगी, लेकिन सीबीआई के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी।