गैंग्स ऑफ वासेपुर के लेखक जीशान कादरी को झारखंड हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, जाने क्या है मामला

Jharkhand High Court News: चर्चित फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर लेखक जीशान कादरी (Zeshan_Qadri) को झारखंड हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने जीशान कादरी की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी को खारिज करना अभी जल्दी होगी।

इस मामले की जांच सही होनी चाहिए। इसलिए प्रार्थी की याचिका खारिज की जाती है। जीशान कादरी ने रांची के हिंदपीढ़ी थाना में दर्ज धोखाधड़ी को लेकर दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

जीशान कादरी पर होटल का बिल नहीं चुकाने का आरोप

जीशान कादरी रांची के होटल एबीएन ग्रैंड में कई दिनों तक ठहरे थे। होटल का करीब 30 लाख रुपये का बिल हुआ था। जीशान की ओर से आठ लाख का भुगतान किया गया। बाकी बाद में भुगतान की बात कही गई। लेकिन बिना बिल का भुगतान नहीं किया गया।

इसके बाद बाद एवीएन ग्रैंड होटल के मालिक विशाल शर्मा ने रांची के हिंदपीढ़ी थाना में वर्ष 2022 में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी। जीशान कादरी ने प्राथमिकी निरस्त करने के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।

विधायक इरफान अंसारी को राहत बरकरार

विधायक इरफान अंसारी के खिलाफ निचली अदालत में दर्ज मामले को निरस्त करने के लिए दायर याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई होगी। मामले में शिकायतकर्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया, जिसे जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने स्वीकार करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट ने इरफान अंसारी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने के अंतरिम आदेश को भी बरकरार रखा। विधायक इरफान अंसारी के खिलाफ वर्ष 2022 में सुशीला देवी ने निचली अदालत में शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता अपने सहयोगियों के साथ धरना दे रही थीं।

विधायक इरफान अंसारी घटना स्थल पर पहुंचे और सुशीला देवी तथा अन्य के साथ गाली-गलौच की और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद प्रार्थी ने जामताड़ा की अदालत में शिकायतवाद दायर की। अदालत ने इस पर संज्ञान लिया है।

इरफान अंसारी ने अदालत को संज्ञान को रद करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। पूर्व में इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था। बुधवार को शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया।

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