विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की सजा बरकरार

रांची। मशरख विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाई दीनानाथ सिंह की सजा बरकरार रहेगी। हाईकोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने प्रभुनाथ सिंह व दीनानाथ सिंह के आजीवन कारावास की सजा को बरकार रखा है। वहीं, रितेश सिंह को बरी कर दिया है। प्रभुनाथ सिंह की अपील पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने अदालत ने विधायक अशोक सिंह की हत्या की साजिश रचने में शामिल होने की बात मानते हुए प्रभुनाथ सिंह व दीनानाथ सिंह की अपील को खारिज कर दिया।

मशरख के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाईयों को हजारीबाग की निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। सजा के खिलाफ तीनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। इससे पहले उक्त मामले में तकनीकी परेशानियों की वजह से दो बार फैसला टल चुका था।

गौरतलब है कि मार्च 1995 में विधायक अशोक सिंह की सरकारी आवास पर बम मारकर हत्या कर दी गई जब वह अपने आवास पर लोगों से मिल रहे थे। इस मामले में उनकी पत्नी चांदनी देवी ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाईयों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। कहा गया कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते विधायक की हत्या की गई है। क्योंकि प्रभुनाथ सिंह को हराकर अशोक सिंह विधायक बने थे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हजारीबाग मामला हुआ था ट्रांसफर

इस मामले में विधायक अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले को बिहार से बाहर सुनवाई करने का आग्रह किया था। याचिका में कहा गया था कि बिहार में प्रभुनाथ सिंह का वर्चस्व है और वे इस मामले के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मामला हजारीबाग की निचली अदालत में ट्रांसफर किया गया था। निचली अदालत ने इस मामले में तीनों को मार्च 2017 को सजा सुनाई थी।

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