Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि विभागीय कार्रवाई में निर्धारित नियमों का पालन करते हुए ही कार्रवाई निर्धारित की जा सकती। जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत ने प्रार्थी को राहत प्रदान करते हुए उसके बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर दिया। अदालत प्रार्थी को पेंशन का लाभ देने का आदेश दिया है। इसको लेकर जगदीश पासवान की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि प्रार्थी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के पद पर कार्यरत था। उस पर 4.36 लाख रुपये की अनियमितता आरोप लगा था।
वर्ष 2019 में प्रार्थी विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया। प्रार्थी की ओर से यह भी कहा गया कि नियमानुसार विभागीय कार्रवाई नहीं की गई। मामले में सिर्फ दस्तावेजों के आधार पर दोष साबित किया जाना उचित नहीं है। इसलिए विभाग के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए। पीठ ने सरकार का आदेश खारिज करते हुए प्रार्थी को ब्याज के साथ पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है।