Drugs News: राज्य में मादक पदार्थों की बिक्री की रोकथाम के लिए झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए अब तक क्या क्या कदम उठाए गए हैं। उठाए गए कदम के बाद मादक पदार्थों की बिक्री में कितना नियंत्रण हुआ है। इसकी पूरी जानकारी कोर्ट ने 18 जून तक पेश करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने इस मामले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एनसीबी) से भी जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार नशीले पदार्थों के कारोबार करने वालों के खिलाफ सघन अभियान चला रही है। कई लोगों को मादक पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया है। राज्य में बने एसओपी के तहत कार्रवाई करने का निर्देश सभी जिलों के डीसी और एसपी को दिया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि इस तरह का शपथपत्र संतोषजन नहीं है। सरकार तथ्यों के साथ अब तक किए गए कार्रवाई का ब्योरा पेश करे।
पुलिस के गठजोड़ हो रहा नशे का कारोबार
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक कहा कि इस मामले में पुलिस और नशे के कारोबार के गठजोड़ की भी जांच होनी चाहिए। नशीले पदार्थों खरीद बिक्री पर पुलिस नियंत्रण नहीं कर पा रही है, जो चिंता का विषय है। ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस की भी इसमें संलिप्तता है। ड्रम्स की खरीद बिक्री की रोकथाम पर पुलिस एक्शन नहीं लेगी तो कोर्ट हस्तक्षेप करेगा।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि झारखंड में ड्रग्स के कारोबार में रोकथाम नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त आदेश पारित करेगा। बता दें कि राज्य में अफीम की खेती और नशे के कारोबार की खबरें मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। राज्य सरकार से इस अवैध कारोबार की रोकथाम और इस कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है।