New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कोविड-19 (Covid-19) के मद्देनजर शवों को सम्मानजनक रूप से दफनाने, दाह संस्कार की मांग संबंधी याचिकाओं पर केंद्र, दिल्ली सरकार व अन्य पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वादी ने तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर इनकी संख्या में वृद्धि करने का आग्रह किया है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की खंडपीठ ने सभी पक्षों को इस मामले में नए सिरे से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह सितंबर तक का समय दिया है। वादी की के अधिवक्ता स्निग्धा सिंह ने अदालत को बताया कि संबंधित पक्षों द्वारा प्रदान किए गए श्मशान, कब्रिस्तान के आंकड़ों में ‘स्पष्ट अनियमितताएं’ हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि कोविड-मौतों की संख्या में कमी के चलते अब मुद्दे की ज्यादा अहमितयत नहीं रही लेकिन यह आवश्यक है कि संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए पर्याप्त कदम उठाए जाएं। मई माह में दाखिल याचिका में कोरोना संक्रमण में अत्याधिक मौत को लेकर अंतिम संस्कार और दफनाने के लिए शमशान घाट और कब्रिस्तानों की उचित व्यवस्था करने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी।
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अदातल ने केंद्र सरकार एवं दिल्ली सरकार के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सभी नगर निगमों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वादी ने पीठ से सरकार और नगर निगमों को लकड़ी व अन्य सामग्री की आपर्ति सुनिश्चित करने का आदेश देने की भी मांग की थी। साथ ही विद्युत शवदाहगृहों की संख्या भी बढ़ाने की मांग की थी।
इसको लेकर अधिवक्ता प्रत्यूष प्रसन्न की ओर से याचिका दाखिल की गई है। अधिवक्ता स्निग्धा सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है कि अस्पतालों में बिस्तरों और जांच किट तथा ऑक्सीजन आपूर्ति जैसे अन्य सामान की भारी कमी के कारण देश में, खासकर राजधानी क्षेत्र में लोगों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है।
इसके चलते शमशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार में काफी परेशानी हो रही है। लोगों को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ा रहा है। साथ ही कब्रिस्तान भी भर गए हैं और अब वहां भी जगह कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाया जाए।