Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में दारोगा नियुक्ति की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मामले में एकलपीठ का निर्णय बिल्कुल सही है।
इसलिए अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। एकल पीठ ने भी प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद उनकी ओर से खंडपीठ में अपील दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि दारोगा नियुक्ति के लिए प्रारंभिक परीक्षा में आयोग की ओर से आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है।
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अगर आरक्षण का लाभ दिया गया होता तो उनका भी चयन हो जाता। जेएसएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है बल्कि मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा वर्ष 2018 में दारोगा बहाली की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर देनी चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत में जेएसएससी की दलील को मानते हुए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि वर्ष 2017 में दारोगा बहाली के लिए जेएसएससी ने विज्ञापन जारी किया था। प्रार्थी सादिक गुलाम की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी।