रांचीः राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामले और ग्राहकों के पैसे सुरक्षित रखने के लिए झारखंड हाई कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक को प्रतिवादी बनाते हुए 22 अप्रैल तक जवाब मांगा है।
अदालत ने कहा कि RBI आरबीआई को यह बताना चाहिए कि ग्राहक के पैसे कैसे सुरक्षित रखे जाएं। साइबर अपराध करने वालों के खिलाफ बैंक की ओर से क्या कार्रवाई की जाती है। ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए कोई प्रयास किया गया है या नहीं।
अदालत ने इस मामले में रिटायर जस्टिस डीपी सिंह के एक पत्र को भी जनहित याचिका में तब्दील करते हुए मनोज कुमार राय के मामले के साथ टैग कर दिया। जस्टिस सिंह ने चीफ जस्टिस को पत्र लिख साइबर अपराध पर चिंता जताई है।
पत्र में कहा गया है कि साइबर के पांच हजार से अधिक केस दर्ज किए जा चुके हैं। आम लोगों के पैसे बैंक खाते से निकल जा रहे हैं। इसके लिए बैंकिंग सिस्टम को भी सुरक्षित करना चाहिए ताकि आम लोगों की जमा राशि सुरक्षित रह सके।
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मनोज कुमार राय ने अपनी याचिका में कहा है कि झारखंड के जामताड़ा, दुमका, पाकुड़ में साइबर अपराधी सबसे अधिक सक्रिय हैं। साइबर अपराधियों ने लोगों के खाते से पैसे उड़ाकर अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है।
साइबर अपराधी पकड़े जाते हैं, लेकिन उन्हें सख्त सजा नहीं मिल पाती। कुछ दिन जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल जाती है और वे दोबारा इसी काम में लग जाते हैं। ऐसे अपराधियों के खिलाफ पुलिस की जांच भी पूरी नहीं होती है।
किसी भी साइबर अपराधी की संपत्ति आज तक जब्त नहीं की गई है और न ही आयकर विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। ईडी को अवैध तरीके से अर्जित साइबर अपराधियों की संपत्ति जब्त करनी चाहिए। आयकर विभाग को भी उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।