Ranchi: Court Security झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में राज्य की अदालतों की पुख्ता सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सभी ने देखा है कि सुरक्षा होने के बाद भी पिछले दिनों दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में क्या हुआ है।
ऐसे में सरकार को कोर्ट की सख्त सुरक्षा को लेकर विचार करना होगा। हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है, ऐसे में वह इस मामले को टेकअप नहीं करेगा। लेकिन दिल्ली जैसी घटना होने से पहले ही अदालतों की सुरक्षा चाकचौबंद की जानी चाहिए।
इस दौरान हाई कोर्ट की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया, तो कोर्ट ने कहा कि राज्य के डीजीपी ने उन्हें भरोसा दिया है कि कोर्ट सुरक्षा में बेहतर अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। यहां पर बिना काम वालों को नहीं भेजा जाएगा। अदालत डीजीपी के आश्वासन पर भरोसा करती है।
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अदालत ने सरकार को याद दिलाया कि राज्य सरकार की ओर से कोर्ट सुरक्षा के लिए विशेष फोर्स बनाने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक उस पर कोई काम नहीं हुआ है। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने सरकार को अद्यतन प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अदालतों की सुरक्षा के लिए संशोधित डीपीआर तैयार किया गया है। वित्त विभाग को इसके अनुमोदन के लिए भेजा गया है। अनुमोदन के बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। अदालतों की सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट में दो साल पहले से जनहित याचिका दायर की गई है।
पूर्व में इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सभी अदालतों में सीसीटीवी कैमरा वॉयस रिकॉर्ड की सुविधा के साथ लगाने का निर्देश दिया है। अदालतों के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरा लगाने को कहा गया है। इसके अलावा निचली अदालतों के कार्यालयों में भी सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
अदालत के बाहर लगे कैमरे की निगरानी जिला प्रशासन करेगा जबकि अदालतों और कार्यालयों के अंदर लगे कैमरे की निगरानी हाई कोर्ट करेगा। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली की रोहणी कोर्ट में हुए गोलीबारी में गैंगेस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या कर दी गई।