CM हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट से कहा- ईडी गवाह या आरोपी के रूप बुला रही स्पष्ट नहीं, मिले राहत

ED Summon: ईडी के समन के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर 13 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से आनलाइन पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता पी चिदंबरम ने अदालत से कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन को समन जारी करने का स्पष्ट आधार नहीं बताया है।

किसी जांच एजेंसी ने हेमंत सोरेन पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी लंबित नहीं है। ईडी ने हेमंत सोरेन को गवाह या आरोपी के रूप में बुलाया है, यह भी स्पष्ट नहीं है इसलिए समन रद कर देना चाहिए।

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई।

हेमंत सोरेन ने दाखिल की है याचिका

चिदंबरम ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह का एक मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल है। याचिका निष्पादन के बाद ही हाई कोर्ट को इस पर सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने इस याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित करने का आग्रह किया।

अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लंबित रहने पर हाई कोर्ट सुनवाई रोकने के लिए बाध्य नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान हेमंत की ओर से कहा गया कि इस मामले में दिल्ली के वरीय अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित होकर पक्ष रखेंगे।

इस दौरान 11 अक्टूबर की तिथि निर्धारित करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने 11 को हेमंत सोरेन और ईडी को 13 अक्टूबर को पक्ष रखने की तिथि निर्धारित की थी। ऐसे में अब अगल तिथि नहीं दी जा सकती है।

बता दें कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को अब तक पांच बार समन जारी कर उपस्थित होने को कहा है। इसके खिलाफ हेमंत सोरेन ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि ईडी ने उन्हें पहले अवैध खनन के सिलसिले में समन जारी किया था।

समन के आलोक में वह ईडी के समक्ष हाजिर हुए। अपना बयान दर्ज कराया अपनी और पारिवारिक संपत्तियों का ब्योरा दिया। उनकी और उनके परिवार की सारी संपत्ति आयकर में घोषित है। इसके बाद ईडी ने उन्हें फिर समन भेजा है। यह उचित नहीं है। उन्होंने समन को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया है।

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