रांचीः राज्य के फॉरेंसिक साइंस लैब में रिक्त पदों पर होने वाली नियुक्ति को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार से नियुक्ति से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी है। उक्त जानकारी छह सप्ताह में हाईकोर्ट में शपथ पत्र के माध्यम से पेश करना है। जमानत के एक मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश सरकार को दिया है। सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कार्मिक एवं गृह विभाग के संयुक्त सचिव और एफएसएल के निदेशक कोर्ट में हाजिर हुए थे।
इससे पहले सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि एफएसएल में राजपत्रित व गैर राजपत्रित पदों पर नियुक्ति होनी है। सहायक निदेशक और वरीय वैज्ञानिक के पदों पर नियुक्ति के लिए गृह विभाग की ओर से तीन सप्ताह में जेपीएससी को अधियाचना भेजी जाएगी। इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। सहायक वैज्ञानिक और अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लियरेंस करना और जेएसएससी को अधियाचना भेजने में छह माह का समय लग सकता है।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट प्रार्थी नागेश्वर साव की जमानत पर सुनवाई कर रही है। इस दौरान कोर्ट के संज्ञान में आया कि एफएसएल की रिपोर्ट मिलने में काफी देरी हो रही है। कई अन्य मामलों में भी एफएसएल रिपोर्ट आने में देरी होने की बात सामने आयी थी। जानकारी लेने पर पता चला कि लैब में कई पद खाली हैं और नियुक्ति भी नहीं हो पा रही है। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को रिक्त पदों पर नियुक्त करने का आदेश दिया था।
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