रंजीत हत्याकांड मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim) और अन्य पांच आरोपियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। यह मामला 22 साल पुराना है और 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में राम रहीम सहित पांच लोगों को दोषी ठहराया था।
2002 को रणजीत सिंह की हुई थी हत्या
10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया।
राम रहीम को ठहराया गया था दोषी
सीबीआई जांच के दौरान, 2006 में राम रहीम को भी आरोपियों में शामिल किया गया, जो पहले इस मामले में नामजद नहीं थे। 2021 में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम सहित अन्य को दोषी ठहराया, लेकिन अब हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। राम रहीम फिलहाल जेल में हैं और उन्हें पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में सजा हुई है।
मामले की तिथिवार घटनाक्रम
- हत्या की तारीख- 10 जुलाई 2002
- मृतक – रणजीत सिंह, कुरुक्षेत्र
- मामला – डेरा प्रबंधन को संदेह था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी।
- पुलिस जांच – रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने पुलिस की जांच से असंतुष्ट होकर जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की।
- 2003 में सीबीआई को मामला सौंपा गया
- 2007 मेंआरोपियों पर आरोप तय
- 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर राम रहीम का नाम अक्टूबर 2021 में राम रहीम सहित पांच को दोषी ठहराया गया
- 28 मई 2024 में सभी आरोपियों को बरी किया गया।