Bar Council News: झारखंड राज्य अधिवक्ता कल्याण न्यास कमेटी पर झारखंड बार काउंसिल ने अपनी जिम्मेवारी नहीं निभाने का आरोप लगाया है। बार काउंसिल ने न्यास कमेटी से 15 जून तक कितने अधिवक्ताओं की मौत पर परिजनों को कल्याण राशि दी गयी है, कितनी लंबित है इसकी जानकारी मांगी है।
बार काउंसिल ने कहा है कि यदि 15 दिनों तक कमेटी ने इसकी सूची उपलब्ध नहीं करायी और अपनी जवाबदेही पूरी नहीं करता है तो सरकार से कमेटी को भंग करने की सिफारिश की जाएगी। रविवार को बार काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया। बैठक की अध्यक्षता बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने की।
नए अधिवक्ताओं के प्रोत्साहन राशि और पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव
बैठक में युवा और नए अधिवक्ताओं की प्रोत्साहन राशि एक हजार से सात हजार करने का भी प्रस्ताव करने, पेंशन योजना के तहत मिलने वाली पेंशन की राशि सात हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने का प्रस्ताव पास किया गया। अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने के लिए अगस्त – सितंबर में राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार का आयोजन करने का निर्णय लिया गया, ताकि कानून लगाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके। कोर्ट स्टांप फी में कमी लाने के लिए प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
वेलफेयर स्टांप लगाने की अपील
बैठक में राज्य के सभी वकीलों से एडवोकेट वेलफेयर स्टांप लगाने की अपील की गयी। अधिवक्ता कल्याण स्टांप नियमित उपलब्ध रहे इसके लिए एक समिति का गठन किया गया। कहा गया कि मुद्रांक मशीन पर रोक लगायी जाएगी। इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट पर बार काउंसिल निर्णय लेगी की जिला, अनुमंडल बार एसोसिएशनों को किस प्रकार एडवोकेट वेलफेयर स्टांप उपलब्ध कराया जाएगा।
बार काउंसिल के रिक्त दो पदों को भरने का भी निर्णय लिया गया। यह पद राजीव रंजन के महाधिवक्ता बनने और नीलेश कुमार के त्यागपत्र के बाद खाली हुआ है। बैठक में वकीलों के खिलाफ मिले शिकायतों को अनुशसान कमेटी को सौंपा गया है।
बैठक में काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि प्रशांत कुमार सिंह, काउंसिल सदस्य हेमंत कुमार सिकरवार महेश तिवारी, कुंदन प्रकाशन, बालेश्वर प्रसाद सिंह, अमर कुमार सिंह, संजय विद्रोही, रामसुभग सिंह एवं अन्य सदस्य मौजूद थे।
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