फर्जी हस्ताक्षर से लकवाग्रस्त की जमीन हड़पने की कोशिश, हाई कोर्ट ने आरोपियों को नहीं दी राहत

दिव्यांग सह लगवाग्रस्त भाई की पुश्तैनी जमीन तीन भाईयों ने फर्जी हस्ताक्षर कर हिनू स्थित पांच डिसमिल से अधिक जमीन हड़प लेने के मामले में आरोपी कुलदीप ज्लैवर्स एंड संस के संचालक सुनील कुमार वर्मा व छोटे भाई सुरेंद्र कुमार वर्मा को झारखंड हाई कोर्ट से झटका लगा है।

जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने दोनों की ओर से दाखिल क्वैशिंग याचिका सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। प्रार्थी की ओर से 11 सिंतबर को क्वैशिंग याचिका दाखिल की गई थी। प्रार्थी की ओर से वकील अनिल कुमार सिंह महाराणा ने पक्ष रखा था।

निचली अदालत में दाखिल की गई है शिकायतवाद

दरअसल रांची की निचली अदालत में दोनों के खिलाफ दर्ज शिकायतवाद पर न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने संज्ञान ले लिया है। साथ ही आरोपियों की पीड़क कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग को भी ठुकरा दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

बता दें कि सुनील व सुरेंद्र दोनों स्व. कुलदीप कुमार वर्मा के बेटे हैं। जिस जमीन की हड़पने का केस किया गया उसकी कीमत एक करोड़ रुपए से अधिक है। उसी जमीन पर अपार्टमेंट भी बनाया जा रहा है। फर्जीवाड़े को लेकर अशोक कुमार ने वकील अनिल कुमार सिंह महाराणा के माध्यम से मई 2023 में कोर्ट केस दर्ज किया है।

फॉरेंसिक जांच में पकड़ा गया फर्जी हस्ताक्षर

अशोक कुमार ने दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया है कि मेरे पिताजी राघवेंद्र प्रताप की मृत्यु दिसंबर 2007 में हो गई है। उनका बायां हाथ साल 1959 में नौकरी के दरम्यान कट गया था। दिसंबर 1977 में उनका बाईपास सर्जरी हुआ और लकवा के शिकार हो गए।

साल 1999 में वह हस्ताक्षर करने में असमर्थ होने के कारण कागजात में अंगूठा लगाते थे। लेकिन चाचाओं ने मिलकर 10 मई 2002 को एक फर्जी पारिवारिक बंटवारानामा बनाया। जिसमें पिताजी का जाली हस्ताक्षर करके मेरे हिस्से की जमीन हड़पने का कोशिश किया।

यह जानकारी 2017 में हुई। इसका खुलासा पांच जुलाई 2022 को हुआ। जब फर्जी हस्ताक्षर की जांच कोलकाता स्थित दस्तावेज फॉरेंसिक एक्सपर्ट से करवाया। जहां फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद मई 2023 में केस दर्ज किया गया।

Facebook PageClick Here
WebsiteClick Here
Rate this post
Share it:

Leave a Comment