Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली पचास याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से पक्ष रखा गया। बहस अधूरी रहने पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि निर्धारित की।
प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया कि पुलिस एक्ट के विरुद्ध बनाई गई सिपाही नियमावली 2014 को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए। इस नियमावली में जो प्रावधान किया गया है, वह एक्ट में नहीं है और जो प्रावधान एक्ट में है, उसके अनुसार नियमावली का गठन नहीं किया गया है।
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हालांकि इस दौरान प्रार्थियों की ओर से बहस अधूरी रही। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि नई नियमावली के तहत ही वर्ष 2015 में सिपाही बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
इसके तहत जैप व सभी जिलों में सिपाही की भर्ती गई गई। नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करते हुए वर्ष 2018 में सभी को नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। इस पर प्रार्थियों का कहना था कि इस मामले में अदालत ने पहले ही अंतिम फैसले से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होने का आदेश दिया है।
बता दें कि प्रार्थी रिंकेश कुमार यादव, रंजीत कुमार सिंह, राकेश कुमार व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिकाएं दायर कर सिपाही नियुक्ति नियमावली-2104 को चुनौती दी है।