साइबर फ्रॉड के पीड़ितों का पैसा वापस लाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव तैयार करें सभी पक्षः हाई कोर्ट

Cyber Crime in Jharkhand: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ में साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों के पैसे वापसी के मामले में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि झारखंड में साइबर फ्राड पर रोक लगाने एवं इसके शिकार लोगों को पैसा वापस देने के लिए राज्य सरकार, इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन सेंटर, स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी, एमिकस क्यूरी सौम्या पांडे सहित सभी पक्ष आपस में मिलकर एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार करें।

इसके बाद इसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, ताकि साइबर फ्राड पर अंकुश लग सके और साइबर ठगी के शिकार लोगों को उनका पैसा वापस मिल सके। सुनवाई के दौरान सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता, सीआइडी आइजी एस कार्तिक कोर्ट में उपस्थित थे।

साइबर फ्रॉड मामले में एसएलबीसी से मांगा जवाब

कोर्ट ने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) से मौखिक कहा है कि वह राज्य सरकार की ओर से साइबर फ्रॉड रोकने की पहल एवं कोर्ट के आदेशों के आलोक में शपथ पत्र दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई जनवरी होगी।

पूर्व में अदालत ने एसएलबीसी को प्रतिवादी बनाया था। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार साइबर फ्राड से संबंधित निचली अदालत में लंबित मामलों का जल्द निष्पादन सुनिश्चित करे।

बता दें कि साइबर फ्रॉड पर रोकथाम एवं इसके शिकार लोगों के पैसा वापसी को लेकर हाई कोर्ट को एक पत्र को लिखा गया था। जिस पर अदालत संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।

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